कुछ देर और तेरी जुल्फ के साये में पनाह दे दे मुझको,
कुछ हसीं पल मैं इधर और बिताना चाहता हूँ,
बात होंठों से निकलेगी तो सुन लेंगे सब तो,
आँखों आँखों में कुछ राज़ बताना चाहता हूँ,
कुछ हसीं पल मैं इधर और बिताना चाहता हूँ,
बात होंठों से निकलेगी तो सुन लेंगे सब तो,
आँखों आँखों में कुछ राज़ बताना चाहता हूँ,
ज़िन्दगी है बड़ी बेवफा क्या यकीन करूँ,
आज कि शाम तेरे मैं संग बिताना चाहता हूँ,
उजाले दिन के बड़े तनहा गुजारे हैं मैंने,
एक हसीं शाम तेरे पहलू में बसर चाहता हूँ,
आज कि शाम तेरे मैं संग बिताना चाहता हूँ,
उजाले दिन के बड़े तनहा गुजारे हैं मैंने,
एक हसीं शाम तेरे पहलू में बसर चाहता हूँ,
कितने नफरत के अँधेरे बसे हैं दुनिया में,
शम्मा-ए-मुहब्बत मैं हर कोने में जलाना चाहता हूँ,
सफ़र छोटा ही भले हो मेरी इस जिंदगी का,
पकड़ के हाँथ तेरा तय मैं करना चाहता हूँ,
शम्मा-ए-मुहब्बत मैं हर कोने में जलाना चाहता हूँ,
सफ़र छोटा ही भले हो मेरी इस जिंदगी का,
पकड़ के हाँथ तेरा तय मैं करना चाहता हूँ,
आइना ख़ाक बतायेगा कि तू कितनी सुन्दर है,
मेरी आँखों में देख अक्स नज़र आएगा,
तू बहुत खूबसूरत महकता फूल है जिसको,
मैं अपने दिल के बगीचे में सजाना चाहता हूँ,
मेरी आँखों में देख अक्स नज़र आएगा,
तू बहुत खूबसूरत महकता फूल है जिसको,
मैं अपने दिल के बगीचे में सजाना चाहता हूँ,
कुछ देर और तेरी जुल्फ के साये में पनाह दे दे मुझको,
कुछ हसीं पल मैं इधर और बिताना चाहता हूँ........
कुछ हसीं पल मैं इधर और बिताना चाहता हूँ........
शैलेन्द्र हर्ष गुप्ता
(१२-फेब्रुबरी-२०१४)